Document Abstract
महिला सशक्तिकरण स े तात्पर्य एक ए ेसी सामाजिक प्रक्रिया स े ह ै जिसका सम्ब ंध
महिलाओं क े लिये सामाजिक न्याय, स्वतंत्रता समानता तथा एकीक ृत सामाजिक
विकास क े विचार स े ह ै। इसका उद्देश्य महिलाओं को सामाजिक आर्थिक एव ं
राजन ैतिक स्तर पर आत्मनिर्भर बना कर उनकी शक्ति में इस तरह वृद्धि करना ह ै
जिसस े समाज फैली ह ुई लि ंग पर आधारित विषमताओं को द ूर किया जा सक े।
सशक्तिकरण एक ए ेसी प्रक्रिया ह ै जिसक े द्वारा महिलाओं मे एक ए ेसी जागरूकता
उत्पन्न की जाती है कि व े आत्मनिर्भर बनकर अपनी प्रास्थिति को उँचा उठान े क े
साथ ही आर्थिक तथा राजनीतिक जीवन म ें सक्रिय भागीदारी कर सक ें। वास्तव म ंे
महिला सशक्तिकरण की अवधारणा नारी म ुक्ति की अवधारणा स े भिन्न है। महिला
सशक्तिकरण की प्रक ृति इस तरह क े व्यवहारों स े बह ुत अलग ह ै। सशक्तिकरण
का अर्थ समाज मे इस तरह बदलाव करना ह ै कि महिलाआ ें की एक सकारात्मक
भागीदारी हो व उन्ह ें आसमानता व शोशण स े सुरक्षा दी जाये। इस तरह महिला सशक्तिकरण सामाजिक व्यवस्था स े स ंब ंधित एक गुणात्मक परिवर्त न ह ै। इस प्रकार
महिलाओं को उनकी परम्परागत निर्योग्यताआंे स े छुटकारा दिलाना सामाजिक व
आर्थिक कान ूनो ं क े द्वारा महिलाओं को पुरूषों के समान अधिकार द ेना तथा विकास
क े द्वारा महिलाओं की आर्थिक स्थिति म ें सुधार करना महिला सशक्तिकरण क े
आधार है।