Institutional Repository, Rajeev Gandhi Govt. Post Graduate College Ambikapur, Distt. Surguja, Chhattisgarh(India), Pin Code - 497001-Dr. Trapti Viswas
Dr. Trapti Viswas
Title
शिक्षा के दार्शनिक, समाजिक और मनोविज्ञानिक आधार
Author(s)
, Dr. Trapti Viswas
Issue Date
08-08-2023
Citation
-
Document Abstract
भारत में प्रारंभ से ही शिक्षा का आधार दर्शन रहा है। विभिन्न पौराणिक ग्रंथों में शिक्षा सूत्र और जीवन जीने के तरीकों का उल्लेख मिलता है। दर्शन से ही सही जीवन शैली का ज्ञान एवं आत्म ज्ञान, आत्म विश्लेषण, आत्मानुभव होता है। दर्शन से ही हमें शारीरिक एवं मानसिक रूप से सबल रहने की शिक्षा भी मिलती है और यही कारण है कि भारतीय दर्शन की विशेषताओं से पश्चिम भी बहुत ज्यादा प्रभावित हुआ और इतना ज्यादा प्रभावित हुआ की पश्चिमी देशों के मनोवैज्ञानिकों ने भारतीय दर्शन को आधार बनाकर मनोवैज्ञानिक तथ्यों की व्याख्या करना प्रारंभ कर दिया। दार्शनिक तथ्यों की मात्रात्मक रूप से अध्ययन कर व्याख्या प्रस्तुत की गयी। इनमें श्रेोडीगर, केन विल्बर इत्यादि के नाम उल्लेखनीय है। मानव चूँकि सामाजिक प्राणी है और वह जन्म लेते ही किसी न किसी समाज का सदस्य बन जाता है तो उसकी शिक्षा में सामाजिक वातावरण का प्रभाव भी बहुत रहता बालक विद्यालय में ज्यादा समय व्यतीत करता है वहा वह औपचारिक एवं अनौपचारिक दोनों प्रकार की शिक्षा प्राप्त करता है साथ ही साथी समूह से भी प्रभावित होता है । शिक्षा का उद्देश्य ही बालक का सर्वागीण विकास करना है अर्थात बालक का व्यक्तिक सामाजिक एवं मनोवैज्ञानिक विकास ।
Language
Hindi
Document Year
2023
Subject Name
Psychology
Publisher Name
वर्तमान परिदृश्य में शिक्षा के विभिन्न आयाम
Rights :
वर्तमान परिदृश्य में शिक्षा के विभिन्न आयाम