Document Abstract
भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के रूप में पहली लड़ाई 1857 ई. की क्रांति को माना जाता है। यद्यपि कुछ इतिहासकार इससे
इŸोफाक नहीं रखते। हालांकि सामान्यतः इसे स्वतंत्रता आन्दोलन मान लिया जाता है। जब हम स्वतंत्रता आन्दोलन के इतिहास का
अघ्ययन करते हैं, तो कई क्रांतिकारियों की चर्चाएँ मिलती है। उनमें झांसी की महारानी लक्ष्मीबाई को आज भी पूरे सम्मान के साथ याद
किया जाता है। उनका नाम लेते ही शौर्य और साहस का भाव उमड़ पड़ता है। प्रस्तुत शोध पत्र में यह जानने का प्रयास किया गया है कि
क्या प्राचीन भारत से लेकर स्वतंत्रता आंदोलन की शुरूआत तक कोई और ऐसा था, जो पुरुषों के साथ महिलाओं में भी मर मिटने की
प्रेरणा भर सके? क्या सचमुच महारानी लक्ष्मीबाई महिला सशक्तिकरण की परिचायक हैं?