Institutional Repository, Rajeev Gandhi Govt. Post Graduate College Ambikapur, Distt. Surguja, Chhattisgarh(India), Pin Code - 497001-Dr. Ajay Pal Singh
Dr. Ajay Pal Singh
Title
बस्तर - संस्कृति एवं परम्पराए : एक अध्ययन
Author(s)
, Dr. Ajay Pal Singh
Issue Date
12-12-2023
Citation
-
Document Abstract
संस्कृति मानवीय क्रियाकलापों का लेखा-जोखा है। सामान्यतः संस्कृति तभी तक जीवित रहती है, जब तक वह लोक व्यवहार में प्रदर्शित होती है। डॉ. रामकुमार वर्मा लिखते हैं कि "परम्परा से अनुप्राणित संस्कृति मानव के सामूहिक अस्तित्व को अविभाज्य अंग होती है ।" बस्तर का जनजीवन जनजातीय संस्कृति का ही स्वरूप आलोकित करता है। पेज और भात से अपने भोजन की शुरूआत करने वाला बस्तर सरल, सहज मस्ती भरी जिन्दगी जीना चाहता है। लगभग सभी लोग मांसाहार व मद्यपान के शौकीन होते हैं । गीत और नृत्य का आनंद लेते हैं। स्थानीय देवी-देवताओं के प्रति घोर आस्था होती है। मां दंतेश्वरी, मावली माता, भैरम देव, पाटदेव, अंगादेव इत्यादि की पूजा भक्ति देखने लायक होती है। जादू, भूत-प्रेत, झाड़-फूँक, सिरहा-गुनिया जनजीवन के अभिन्न हिस्से होते हैं। तीज-त्यौहार, लोकनाट्य, लोकनृत्य, शिल्पकला व गोदना में अदभुत सौंदर्य झलकता है। घोटुल जैसी युवा गृह संस्कृति व भव्य रथ यात्रा ने तो समूचे विश्व का आकर्षण बना दिया है - बस्तर को ।
Language
Hindi
Document Year
2023
Subject Name
History
Publisher Name
An International Bilingual Peer Reviewed Refereed Research Journals
Rights :
An International BilingualPeer Reviewed Refereed Research Journals