Institutional Repository, Rajeev Gandhi Govt. Post Graduate College Ambikapur, Distt. Surguja, Chhattisgarh(India), Pin Code - 497001-Dr. Umesh Kumar Pandey
Dr. Umesh Kumar Pandey
Title
लघु-मध्यम उद्यमों की परिभाषा की कवायद
Author(s)
, Dr. Umesh Kumar Pandey
Issue Date
01-10-2020
Citation
-
Document Abstract
एक लंबे समय से लघु उद्योगों की परिभाषा का विषय विवाद का कारण बना हुआ है। 1998 में जब अटल बिहारी वाजपेयी ने सत्ता का सूत्रा संभाला था, उससे ठीक पहले तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने लघु उद्योगों की परिभाषा में आमूलचूल परिवर्तन किया था। उससे पूर्व वे उद्योग जिनमें प्लांट और मशीनरी की लागत 60 लाऽ रूपए या उससे कम थी, लघु उद्योग कहलाते थे। लेकिन तत्कालीन सरकार ने इस सीमा को 60 लाऽ से बढ़ाकर अचानक 3 करोड़ ;5 गुणाद्ध कर दिया था। चुनाव से पूर्व वाजपेयी ने उसे अनुचित बताया था और उनकी सरकार आने पर उसे बदलकर 1 करोड़ करने का वादा किया था। इस वादे को निभाते हुए वाजपेयी सरकार ने लघु उद्योगों की परिभाषा को पुनः बदलते हुए, उसमें प्लांट और मशीनरी की लागत की सीमा को घटाकर 1 करोड़ कर दिया। लंबे समय तक यह विवाद थमा रहा। इस बीच वर्ष 2006 में एमएसएमई अध्निियम लागू किया गया, जिसके अनुसार एस.एस.आई ;लघु पैमाने के उद्योगोंद्ध के स्थान पर एक नई परिभाषा एमएसएमई ;माइक्रो, स्माल, मीडियम एंटरप्राइजद्ध लागू हो गई। इसमें दो प्रमुऽ बदलाव आए।
Language
English
Document Year
2020
Subject Name
Hindi
Publisher Name
India's Leading Referred Hindi Language Journal
Rights :
India's Leading Referred Hindi Language Journal