Dr. Umesh Kumar Pandey
Title
आदिवासी समाज में राजनैतिक शोषण की समस्या और हिन्दी उपन्यास
Author(s)
,
Dr. Umesh Kumar Pandey
Document Abstract
भारतीय राजनीति में आज भी आदिवासियों की हिस्सेदारी बहुत कम है। जो लोग मुख्य धारा की राजनीति में शामिल भी हैं, उनका प्रभाव सीमित है। राजनीति के अपराधीकरण और धन बल तथा बाहुबल के बढ़ते इस्तेमाल ने जनजातियों के लिए राजनीति की राह मुश्किल की है। वर्तमान समय में वोट की राजनीति के लिए भी जनजातियों का शोषण किया जाता है। चूँकि ये लोग स्वभाव से प्रायः सीधे होते हैं, इसलिए बहुत जल्दी राजनेताओं की बातों में आ जाते हैं। चुनावों के समय उनके वोट पाने के लिए तरह-तरह के प्रलोभन दिये जाते हैं। पैसे और शराब के बल पर उनसे अपने पक्ष में वोटिंग करायी जाती है। इस प्रकार के अलोकतांत्रिक कार्यों से देश की राजनीतिक प्रणाली में उनकी निष्पक्ष और उचित सहभागिता सुनिश्चित नहीं हो पाती है। आदिवासियों की राजनीतिक न्यूनता का प्रमुख कारण उनमें अपने अधिकारों के प्रति जागरूकता का अभाव है। आदिवासी लोग आज भी राजनीतिक अलगाव के शिकार हैं और सत्ता में उनकी भागीदारी उस अनुपात में नहीं हैं, जिसके वे हकदार हैं। समतामूलक समाज के निर्माण के लिये भारतीय राजनीतिक व्यवस्था में आज बड़े बदलावों की आवश्यकता है।
Publisher Name
कला और मानविकी का त्रैमासिक, पियर रिव्युडू, रेफर्ड एवं यू.जी.सी. केयर लिस्ड़ेट, शोध जर्नल
Rights :
कला और मानविकी का त्रैमासिक, पियर रिव्युडू, रेफर्ड एवं यू.जी.सी. केयर लिस्ड़ेट, शोध जर्नल