Document Abstract
स्वामी विवेकानंद ने कहा कि “महिलाओं की स्थिति में सुधार के बिना विष्व का कल्याण संभव नहीं है क्योकी पंछी के लिए एक पंख से
उड़ना मुश्किल है’’ अर्थात मानव रूपी पंछी के दो पंख पुरुष व महिला हैं, विष्व में लम्बे समय से लिंग के आधार पर महिलाओ के साथ
नकारात्मक विभेद किया जा रहा है, जिसके परिणामस्वरूप उनकी सामाजिक, राजनीतिक व आर्थि क प्रस्थिति दोयम दर्जे की हो र्गइ
परिवार व समाज के लिए आश्रित बन र्गइ , परंतु राष्ट्र के सर्वांगीण विकास के लिए महिला सशक्तिकरण एक अनिवार्य शर्त है महिलाओं
के चहूँमुखी विकास को सुनिश्चित करने में सांसद आदर्श ग्राम योजना ’’की प्रभावी भूमिका रही है, योजना के अंतर्गत महिलाओं में,
नेतृत्व क्षमता, आर्थिक स्वावलंवन व कौशल उन्नयन, शिक्षा के साथ स्वास्थ्य के बेहतर प्रयास किए गए, जिजसे महिलाओं की स्थिति में
व्यापक सकारात्मक परिवर्तन परिलक्षित होते है, महिलाएँ समाज का नेतृत्व करते हुये समाज को नई राह दिखाने में समर्थ व सक्षम
प्रतीत होती है जो आधुनिक सभ्य समाज का प्रतीक है।