Title
जनजातियों का स्वास्थ्य वर्धक भोजन प्रबधं:- ; (उरॉव जनजातियों के विशेष संदर्भ में )
Authors
Dr. Shampu Tirkey
Issue Date
12-06-2023
Document Abstract
मनुष्य के जीवित रहने के लिए हवा व पानी के बाद सबसे अधिक आवष्यक सामग्री है भोजन, उसका भोजन कैसा हो वह स्व ंय तय करता है। आज भोजन का अर्थ केवल स्वादपूर्ती ही नहीं है, स्वास्थ्य वर्धक के साथ-साथ रोगप्रतिरोधक भी है, क्योंकि भोजन ही एक ऐसी वस्तु है जो मनुष्य को शारीरिक रूप से लड़ने की क्षमता देता है। समाज में रहने वाला हर व्यक्ति अपने क्षेत्र, धर्म, जाति, काम, रूचि व संस्कृति के अनुसार अपने भोजन का चयन करता है तथा अपनी अगली पीढ़ी को हस्तान्तरित करता है। मैंने अपने अध्ययन म ें आदिवासियों द्वारा भोजन क े रूप में उपयोग की जाने वाली स्वास्थ्य वर्धक वनस्पतियों ;स्वंय से उत्पादितद्ध को शामिल किया ह ै, जिसे वे सब्जी के रूप में खाते है ं, यह जानने के लिए कि क्या आज भी आदिवासी इनका े भोजन में शामिल करते हैं ?
Language
Hindi
Document Year
2023
Subject Name
Commerce
Publisher Name
International Journal of Applied Research
Rights :
International Journal of Applied Research