Document Abstract
भारत आजादी के 75 वर्ष पूर्ण कर चुका है, आजादी के उन्नायक हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी ने भारत के कल्याण का आधार
समग्र व समावेशी ग्रामीण विकास को ही माना था। गांधीजी का मानना था कि ”भारत भोगभूमि नहीं, अपितु मूलतः कर्मभूमि है।“1
गांधीजी के संपूर्ण दर्शन को अध्ययन करके यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि ग्रामीण विकास उनके दर्शन का केंद्र बि ंदु था, जिसन े
ग्रामीण विकास को गांधीवादी दृष्टिकोण प्रदान किया।
गांधीजी की ग्राम पुनर्निर्माण योजना स्वराज एवं स्वदेशी के सिद्धांत पर आधारित थी, ट्रस्टीशिप, स्वदेशी, पूर्णरोजगार, रोटी, मजदूरी,
आत्मनिर्भरता, विकेंद्रीकरण, समानता एवं नई तालीम गा ंधीजी के ग ्राम पुनर्निर्माण के प्रमुख स्तंभ थे।2
भारत में गांधीवादी दृष्टिकोण को आधार बनाकर ग्रामीण विकास को मूर्त रूप देने का प्रयास किया गया है, इसी कड़ी में 11 अक्टूबर
2014 को ”सांसद आदर्श ग्राम योजना“ का शुभारंभ किया गया,3
जिसके माध्यम से गांधीवादी दृष्टिकोण का व्यवहारिक अनुप्रयोग
सुनिश्चित करते हुए ग ्रामीण पुनर्निर्माण की रूपरेखा बनाई गई।
प्रस्तुत शोध पत्र में सांसद आदर्श ग्राम योजना के क्रियांवयन गांधीवादी दृष्टिकोण की समीक्षा की गई है, तथ्य संकलन व विश्लेषण के
लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा गोद लिए गांव जयापुरा वाराणसी का अध्ययन किया गया, साथ ही चुनौतियों का उल्लेख करते हुए
समाधान के स ुझाव प्रस्तुत किए गए हैं।